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Recombinant dna kya hai | रेकॉम्बीनैंट DNA टेक्नोलॉजी | Notes

  रेकॉम्बीनैंट DNA या पुनर्संयोजी डीएनए


एक जीव के DNA के साथ दूसरे जीव के DNA को जोड़कर नया डीएनए प्राप्त करने की तकनीक को Recombinant DNA,  पुनर्सयोजी DNA तकनीक कहते है | तथा इस प्रकार प्राप्त डीएनए को पुनःसंयोजी डीएनए ( r-DNA ) कहते है | 

पुनर्सयोजी डीएनए तकनीक की खोज का श्रेय Stanley cohen and herbert Boyer को जाता है यह Genetic engineering की सबसे आधुनिक विधि है |

इस तकनीक में वांक्षित DNA को विशिष्ट एंजाइमो की सहायता से वियोजित करके उसे वाहक डीएनए के साथ मिलाकर नये गुणधर्म वाले डीएनए का निर्माण किया जाता है जिसे r-DNAकहते है | इस r- DNA को विशिष्ट परपोषी कोशिका जैसे E.coli, यीस्ट में प्रवेश कराकर डीएनए का क्लोनीकरण किया जाता है |

Genetic engineering या Recombinant DNA में उपयोग होने वाले उपकरण :


  • एंजाइम :
अनेक प्रकार के enzymes का उपयोग पुनर्योजी पुनर्सयोजी DNA में किया जाता है | लायनकारी कारी एंजाइम डीएनए को तोड़ने का काम करते है जबकि joining enzyme जोड़ने का काम करता है |
  • विजातीय डीएनए
  • वाहक डीएनए 
  • परपोषी सेल्स 

Recombinant DNA || पुनर्संयोजन DNA का उपयोग

  • स्वास्थ के क्षेत्र में 
  • दवाओ के उपयोग में 
  • इन्सुलिन के उत्पादन में 
  • नये जीव के निर्माण में 

Q. इन्सुलिन क्या है ?

इन्सुलिन अग्नाशय की बीटा सेल्स से स्रावित होने वाला हार्मोन है यह हार्मोन शरीर की सभी कोशिकाओ पर कार्य करता है तथा यह रक्त में उपस्थित शर्करा घटाता है और ग्लूकोस से ग्लाईकोजंन बनने की प्रक्रिया को प्रेरित करता है |


https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/d/d6/OSC_Microbio_12_01_MolCloning.jpg





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