All Important Famous Scientist and their Contributions for Biology student
1. एंड्रियस विसैलियस (Andreas Vesalius) -
ने मानव शरीर की रचना का प्रयोगात्मक अध्ययन करके सन् 1543 में 'On the Structure of Human Body' नामक पुस्तक लिखी। उन्हें 'आधुनिक शारीरिकी का जनक' कहते हैं।
ने मानव शरीर की रचना का प्रयोगात्मक अध्ययन करके सन् 1543 में 'On the Structure of Human Body' नामक पुस्तक लिखी। उन्हें 'आधुनिक शारीरिकी का जनक' कहते हैं।
2. जैकेरियस जैन्सन (Z. Janssen) ने अपने पिता, हान्स जैन्सन (H. Janssen) के साथ प्रथम संयुक्त सूक्ष्मदर्शी की रचना की।
3. विलियम हार्वे (William Harvey) ने सन् 1628 में रक्त परिसंचरण तंत्र की खोज की तथा कार्यिकी एवं भ्रौणिकी का प्रयोगात्मक अध्ययन किया।
4. रॉबर्ट हुक (Robert Hooke) ने कॉर्क में छोटे छोटे कोष्ठकों को देखा तथा उनके लिये कोशिका या सेल (cell) शब्द का प्रयोग किया।
5. एन्टॉन वॉन ल्यूवेनहाक (Antoin Von Leeuwenhoek) नामक डच प्राकृतिक वैज्ञानिक ने माइक्रोस्कोप का निर्माण किया तथा कोशिका की रचना का अध्ययन किया।
6. केरोलस लीनियस (Carolus Linnaeus) स्वीडिश जीव वैज्ञानिक ने 1735 में सिस्टेमा नेचुरी (Sistema Naturae) नामक पुस्तक लिखी जिसमें दुपदनाम पद्धति (Binomial Nomenclature) द्वारा जन्तुओ तथा पोधो का वर्गीकरण का वर्णन किया गया है। इन्हें वर्गिकी का जनक" (Father of Taxonomy) कहते है|
7. लैमार्क जीन बेप्टीस्टे (Lamarck Jean Baptiste) फ्रांसीसी प्राक्रतिक वैज्ञानिक थे उन्होंने आनुवंशिक लक्षणोंकी वंशागति का नीयम दिया |
8. रॉसेन वॉन रोजेनहॉफ (Rosen Von Rosenhoff) ने 1755 में अमीबा प्रोटियस (Amoeba proteus) का खोज की |
9. क्यूवियर (Georges Leopold Cuvier) ने जीवाश्मों का अध्ययन कर केटास्ट्रोफिज्म वाद(Catastrophism theory) प्रस्तुत किया। इन्हें "जीवाश्मिकी का जनक" (Father of Palaeontology) कहते हैं।
10. मैथिस श्लीडेन (Matthias Schleiden) तथा थियोडोर श्वान (Theodor Schwann,) ने सन 1838 में कोशिका वाद (cell theory) प्रस्तुत किया जिसके अनुसार सभी जीव कोशिकाओं से बने होते हैं।
11. कार्ल अन्र्सट वॉन बेयर (Karl Ernst Von Baer) जर्मन वैज्ञानिक को “आधुनिक भ्रूण विज्ञान का जनक" (Father of Modern Embryology) कहते हैं। इन्होंने 1830 में बायोजेनेटिक सिद्धान्त (Biogenetic law) प्रस्तुत किया।
12. चार्ल्स डारविन (Charles Darwin) ने प्राकृतिक चयन द्वारा जातियों के उद्भव का सिद्धान्त दिया उन्होंने “दी ओरिजिन ऑफ स्पीसिज" (The Origin of Species) नामक पुस्तक लिखी।
13 .जे. इ. परकिन्जे (J. E. Purkinje) ने सेरीबेलम तथा हृदय में परकिन्जे तन्तुओं (Purkinje fibres) की खोज की, जीवद्रव्य को 'प्रोटोप्लाज्म (Protoplasm)' का नाम दिया, त्वचा में स्वेद ग्रन्थियों की खोज की तथा त्वचा की रचना की विस्तृत जानकारी दी।
14 .अर्नस्ट हीकल (Ernst Haeckel) ने पुनरावर्ती सिद्धान्त (Recapitulation theory) प्रस्तुत किया।
15 .लुई पाश्चर (Louis Pasteur) ने सजीवों से जीव की उत्पत्ति का सिद्धान्त (Theory of Biogenesis) दिया।
16. ग्रेगर जॉन मेंडल (Gregor Johann Mendel) ने आनुवंशिकी के नियमों (Laws of Heredity) का प्रतिपादन किया। उन्हें “आनुवंशिकी का पिता" (Father of Genetics) कहते हैं।
17. विरचो (Virchow, 1821-1902) ने बताया कि सभी कोशिकायें पूर्ववर्ती कोशिकाओं से बनती हैं।
18. सरफ्रैंसिस गाल्टन (Sir Francis Galton) को “सुजननिकी का पिता" (Father of Eugenics) कहते हैं।
19. ऑगस्ट वीजमान (August Weismann) ने जर्मप्लाज्म वाद (Germplasm theory) दिया।
20. दिमीत्री इवानोविस्की (Dimitri Ivanovski) ने 1892 में वाइरस की खोज की।
21. आर. आल्टमेन (R.Altmann) ने 1894 में माइटोकॉन्ड्रिया की खोज की |
22. सी० बेन्डा (C. Benda) ने 1897 में इसे माइटोकॉन्ड्रिया नाम दिया।
23. रोनाल्ड रॉस (Ronald Ross, 1897) ने खोजा कि मलेरिया मादा एनोफिलीस(Anopheles) मच्छर के काटने से फैलता है।
24. केमिलियो गॉल्जी (Camillio Golgi) ने 1898 में गॉल्जी काय (Golgi apparatus) की खोज की।
25. फार्मर एवं मरे (J.B. Farmer and J.E. Moore) ने 1905 में अर्धसूत्री विभाजन को मिओसिस (meiosis) क नाम दिया।
26. बेटसन एवं पुनेट (William Bateson &R.C. Punnet) ने 1906 में सहलग्नता (linkage) का पता लगाया।
27. मॉरंगन (T.H. Morgan) ने जीनवाद (Gene theory) प्रस्तुत किया।
28. ट्वोर्ट (Twort) ने 1915 में बैक्टीरियोफेज वाइरस की खोज की।
29 .ओपैरिन (A.L. Oparin) ने 1924 में रासायनिक संश्लेषण द्वारा जीव की उत्पत्ति (Origin of life by chemical synthesis) का सिद्धान्त दिया।
30. मूलर (H. J. Muller, 1927) ने ड्रोसोफिला पर X-किरणों के प्रभाव का अध्ययन किया।
31. एलेक्जेंडर फ्लेमिंग (Alexander Fleming) ने 1929 में पेनिसीलीन (Penicillin) की खोज की।
32. जॉल तथा रस्का (M. Knoll & F. Ruska) ने 1933 में पहली बार इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (ElectronMicroscope) बनाया।
33. डेम तथा डोयसी (H. Dam & E. A. Doisy) ने 1934 में विटामिन K की खोज की।
34. हेन्स एडोल्फ क्रैब्स (Hans Adolf Krebs) ने साइट्रिक अम्ल चक्र (Citric acid cycle) या वेब्सचक्र (Kreb's cycle) या ट्राइकार्बोक्सिलिक अम्ल चक्र (Tricarboxylic acid cycle) की खोज की।
35. लैंडस्टीनर तथा वीनर (Karl Landsteiner & A.S. Wiener) में 1940 में रुधिर वर्गों (blood groups) की खोज की।
36. पोर्टर (K. R. Porter) ने 1945 में एण्डोप्लाज्मिक रेटीकलम (endoplasmic reticulum) की खोज का।
37. पेलेड (G.E. Pallade) ने 1952 में माइटोकॉन्ड्रिया की अतिसूक्ष्म संरचना (ultrastructure) का वर्णन किया।
38. वाटसन एवं क्रिक (T.D. Watson and F.H.C. Crick) ने 1953 में DNA की रासायनिक संरचना का द्विकुण्डलित मॉडल (double helical model) प्रस्तुत किया।
39. यूरे एवं मिलर (H. Urey and Stanley Miller) ने 1953 में प्रयोगशाला में मूल जीवन तत्वों का संश्लेषण किया तथा आद्य काल के वातावरण की जानकारी दी।
40. सैंगर (F. Sanger) ने 1954 में इन्सुलिन के अणु की रचना की खोज की।
41. क्रिश्चियन डवे (Christian de Duve) ने 1955 में लाइसोसोम (lysosomes) का वर्णन किया।
42. बीडल, टॉटम तथा लेडरबर्ग (G. W. Beadle, E.L. Tatum. and J. Lederberg) ने “एक जीन एक एन्जाइम परिकल्पना" (One gene one enzyme hypothesis) प्रस्तुत की।
43. जी. डी. राबर्टसन (G.D. Robertson) ने कोशिका कला की अतिसूक्ष्म संरचना का वर्णन किया तथा “एकल झिल्ली कल्पना" (Unit membrane theory) प्रस्तुत की।
44. नीरेनबर्ग (W.M. Nirenberg) ने 1963 में जेनेटिक कोड (genetic code) का वर्णन किया।
41. नीरेनबर्ग, होले एवं खुराना (M. W. Nirenberg, R.H. Holley and H.G. Khurana) ने 1968 में tRNA की संरचना तथा प्रोटीन संश्लेषण में जेनेटिक कोड (genetic code) की खोज की तथा प्रयोगशाला में DNA अणु का संश्लेषण किया।
45. क्लॉड (A. Claude) ने 1974 में ट्यूमर की कोशिकाओं में कैंसर वाइरस (cancer virus) के कणों की खोज की।
46. ल्यूक मोन्टेग्नियर (Luc Montagnier) ने 1984 में HIV वाइरस को पृथक किया।
47. बिशप एवं वारमस (J.M. Bishop and H.E. Varmus) ने 1989 में रिट्रोवाइरल ओंकोजीन की कोशिकीय उत्पत्ति का अध्ययन किया।
48. जे.ई. मुरे एवं ई. डी. थामस (J.E. Murray and E.D. Thomas) ने 1990 में मानव रोगों के उपचार के लिए अंग एवं कोशिका प्रत्यारोपण में सफलता पाई।
49. ई. नेहर एवं सैकमेन (E. Neher and Sakman) ने 1991 में कोशिका में सफल ऑयन के मार्ग का अध्ययन किया।
50.फिशर एवं क्रेब्स (Fischer and Kreb's) ने 1992 में फॉस्फोराइलेज का स्विच ऑन तथा स्विच ऑफ की खोज की।
51. माइकल स्मिथ (Michael Smith) ने 1993 में निर्देशित म्यूटाजेनेसिस का अध्ययन किया।
52. गिलमन तथा राडबेल (Alfred G.Gilman and Martin Rodbell) ने 1994 में G-प्रोटीन तथा कोशिकाओ में संकेत प्रेषण में G-प्रोटीन की भूमिका की खोज के लिये नोबल पुरस्कार दिया गया।
53. फकोट, इग्नारो तथा मुराद (Robert F. Furchgott, Louis. Ignarro and Ferid Murad) को नाइट्रिक अम्ल का एक संकेतीय अणु के रूप में भूमिका की खोज के लिए Nobel Prize मिला।
54.वेन्टर जे. क्रेग (Venter J. Craig) ने 1995 में वाइरस, हीमोफिलिसइन्फ्लुएंजा, के RNA के क्षारकों (bases) मेंकोडित जैनेटिक कोड का अपवाद किया।
55. डोहटा एवं जिन्करनागेल (Doherty and Zinkernagel) ने 1996 में कैंसर, डायबिटीज तथा Multiple sclerosis के लिए वैक्सीन की खोज की।
56. स्टैन्ले सीनर (Stanley Prusiner) ने 1997 में प्रिओन (prion) नामक छोटे प्रोटीन अणुओं की खोज की जोबैक्टीरिया एवं वाइरस से भी छोटे होते हैं। इनमें DNA या RNA में से कोई भी नहीं होता। इनके द्वारा मनुष्य का तंत्रिका तंत्र अपहसित हो जाता है। इसे कुरु रोग कहते हैं। इससे ऐल्जिमर रोग की भी जानकारी होती है। इसके लिए इन्हें Nobel Prize मिला था।
57. इआन डनहेम (Ian Dunham) ने 1999 में मानव जीनोम के 22वें गुणसूत्र का अध्ययन किया।
58. हार्टवैल, हंट तथा नर्से (Hartwell. Hunt and Nurse) ने सन 2001 में कोशिका चक्र के नियमन के कारणों कापता लगाया। इसके लिए इन्हें Nobel Prize भी मिला।
59. ब्रेनर, एल्सटॉन तथा हॉर्विज (Brenner, Aulston and Horvitz) को सन् 2002 में जीन के द्वारा अंग वृद्धि तथा कोशिका लयन की क्रिया विधि का वर्णन करने के लिए Nobel Prize से पुरष्कृत किया गया।
60. रिचार्ड एक्सल तथा लिंडा बक (Richard Axel and Linda B. Buck) को सन् 2004 में Nobel Prize से सम्मानित किया गया था। उनकी खोज ऑल्फेक्ट्री तंत्र की संरचना व संगठन और adorant receptors से संबंधित थी।
61. मार्शल तथा वोरन को सन् 2005 का Nobel Prize मिला। उन्होंने सिद्ध किया कि आमाशय व आंत्र में ulcers का कारण बैक्टीरिया हैं।
62. कार्नबर्ग (Kornberg, Roger D.) ने यूकैरिओटिक कोशिकाओं में ट्रांसक्रिप्शन (transcription) के आण्विक आधार की संपूर्ण विधि की खोज की।
63. एंड्रयू तथा क्रैग (Andrew and Craig C. Mello) ने द्विवलयक RNA द्वारा जीन के निष्क्रियन की विधि का पता लगाया।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से सम्बन्धी अविष्कार और अविष्कारक
क्र. सं. अविष्कार अविष्कारक
1 विटामिन फंक
2 विटामिन ‘ए’ मैकुलन
3 विटामिन ‘बी’ मैकुलन
4 विटामिन ‘सी’ युजोक्स होल्कट
5 विटामिन ‘डी’ की खोज एफ. जी. हॉपकिंस
6 चेचक का टीका एडवर्ड जेनर
7 हृदय प्रत्यारोपण क्रिश्चियंस बर्नार्ड
8 आर. एन. ए.(R.N.A) आर्थर बर्ग तथा जेम्स वाटसन
9 डी. एन. ए.(D.N.A) जेम्स वाटसन तथा क्रिक
10 पेनिसिलिन सर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग
11 रुधिर परिवहन एंड फ्लोरे(1929) विलियम हार्वे (1628)
12 रुधिर समूह कार्ल लैंडस्टीनर
13 इंसुलिन बैटिन व बेस्ट
14 सल्फा ड्रग्स जी डोमाग
15 डी. डी. टी.(D.D.T) डा. पाँल मुलर
16 बेरी बेरी की चिकित्सा ओईजकमैन
17 क्लोरोफॉर्म की खोज सर जेम्स हैरिसन
18 स्ट्रेप्टोमाइसिन सेलमन ,वैक्समैन
19 टी.बी. की चिकित्सा रॉबर्ट कोच
20 स्टेथोस्कोप लेनेक
21 एंटीसेप्टिक द्वारा चिकित्सा लॉर्ड जोसेफ लिस्टर
22 हाईड्रोफोबिया की चिकित्सा लुई पाश्चर
23 एस्प्रिन ड्रेसर
24 क्लोरोक्विन(कुनैन) रेबी
25 जेनेटिक कोड हर गोविन्द खुराना
26 टेरामाईसिन फिनले
27 जीवाणु ल्युवेनहॉक
28 टायफाइड के जीवाणु रो बर्थ
29 पीले बुखार की चिकित्सा रीड
30 मलेरिया की चिकित्सा डा. रोनल्ड रॉस
31 एंटी पोलियो वैक्सीन डा. जोन्स ई.साल्क
32 होम्योपैथी चिकित्सा हैनीमैन
33 रुधिर परिवर्तन कार्ल लैंडस्टीनर
34 सिफिलिस की चिकित्सा पॉल एरिक
35 वायलेट किरणों द्वारा चिकित्सा फिन्सेन अल्ट्रा
36 किडनी मशीन कोल्फ
37 आर . एच. (Rh) कारक लैंडस्टीनर
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