शुक्राणुजनन क्या है ? (Spermatogenesis process)
शुक्राणुओ के बनने की क्रिया करो शुक्राणुजनन कहते है | यह जनदो में होती है तथा वृषण में चलती है | यह किशोर अवस्था पार करने के बाद होती है | वृषण की शुक्र जनन नलिकाओ में शुक्राणु बनते हैं
शुक्र जनन की क्रिया दो चरणों में पूरी होती है :
1. शुक्राणु पूर्व का निर्माण
2. शुक्रकायांतरण
1. शुक्राणु पूर्व का निर्माण :
आदिजनन कोशिका ----> गुणन प्रावस्था ------->वृद्धि प्रावस्था -------->परिपक्वन प्रावस्था --------> शुक्राणुपूर्व का निर्माण
2. शुक्रकायांतरण :
शुक्राणु पूर्व से शुक्राणुओं का बनना शुक्रकायांतरण है
शुक्राणु गतिशील भारी होते हैं
हाइपोथैलेमस के द्वारा GnRH हार्मोन स्रावित होता है शुक्र जनन प्रक्रिया किशोरावस्था या यौन आरंभ में होने लगती है क्योंकि इस दौरान GnRH हार्मोन के श्रावण में वृद्धि हो जाती है |
अंडजनन क्या है ? (Oogenesis Process)
अंडाशय के अंदर अण्डाणु के निर्माण कि प्रक्रिया को अंडजनन कहते है | अंडजनन कि प्रक्रिया मादा के अंडाशय में भ्रूणीय अवस्था में ही शुरू हो जाती है एवं प्रत्येक अंडाशय में 20 लाख अंडजनन कोशिकाओ का निर्माण हो जाता है | जन्म के बाद अंडजनन कोशिका का निर्माण नही होता अंडजनन से भ्रूणीय अवस्था में प्राथमिक अण्डक कोशिका (2n) बनती है |
- प्राथमिक अण्डक कोशिका को Granulosa कोशिका की परत घेर लेती है अब इसे प्राथमिक पुट्टीका कहते है |
- बहुत संख्या में प्राथमिक पुट्टीका जन्म से योवनावस्था तक नस्ट हो जाती है इसलिय योवनावस्था पर हर एक Overy में 60,000- 80,000 पुट्टीका रह जाती है |
- रजोचक्र के दोरान प्राथमिक पुट्टीका Graffian पुट्टीका में बदल जाती है |
- रजोचक्र के 5 से 13 वे दिन के बीच पुट्टीका प्रेरक हार्मोन FSH ,Secondary Follical में बदल जाती है |
- Primary Oocyte अण्डक में Meiosis –i आसामान्य विभाजन होगा तो 2 असामान्य रचनाये बनती है |
- Polar Body प्रथम ध्रुवकाये (छोटी)
- Secondry Oocyte बड़ी होती है |
- आखिर में Tertiary Follicle , Graffian Follicle में Transform हो जाती है |
- Graffian follicle की खोज – D.Graf ने कि थी |
- रजो चक्र के 14वे दिन L. H हार्मोन स्रावित होता है जोकि अंडोत्सर्ग के लिए महत्वपूर्ण है |
- रजो चक्र के 14वे दिन Graffian फॉलिकल फट जाती है और अंडोत्सर्ग हो जाता है |
- जब सेकेंडरी अंडक के पास में शुक्राणु आता है तो शुक्राणु से प्रेरणा पाकर सेकेंडरी Oocyte के अंदर Meiosis 2nd हो जाता है |
- प्रथम ध्रुवकाय विभाजन हमेशा नहीं होता इस प्रक्रिया में एक अंडाणु व 3 ध्रुवकाय बनते हैं|
- ध्रुव काय अक्रिय होते हैं |
इस प्रकार अंडाणु का निर्माण होता है |
Primary follicle --> Secondary Follicle -->Tertiary Follicle --> Graffian follicle
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