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H2SO4 (सल्फ्यूरिक अम्ल) का निर्माण | सीस कक्ष विधि | लेड चैम्बर विधि | सम्पर्क कक्ष विधि Notes in pdf

H2SO4 सल्फ्यूरिक अम्ल  का निर्माण

Very most Important Question for All Board Exam Chemistry :

Chapter name : p - block

  1. सल्फ़र ट्राई ऑक्साइड की जल से क्रिया करने पर H₂SO₄ सल्फ्यूरिक अम्ल प्राप्त होता है |

SO₃ + H₂O -------------->H₂SO₄

2. SO₂ की HNO₃ से क्रिया होने पर सल्फ्यूरिक अम्ल  (H₂SO₄) प्राप्त होता है |

SO₂ + 2HNO₃ --------------> H₂SO₄ + NO₂

 

(H2SO4) सल्फ्यूरिक अम्ल के निर्माण की सीस कक्ष विधि / लेड चैम्बर विधि : 

SO₂ तथा वायु के मिश्रण को NO उत्प्रेरक की उपस्थिति में ओक्सीकृत करने पर SO₃ प्राप्त होती है जो जल में घुलकर H₂SO₄ का निर्माण करती है |

2SO₂ + O₂ ------------------> 2SO₃

SO₃ + H₂O -------------------->H₂SO₄

 


विधि :

पाईराइटर बर्नर : इसमें सल्फ़र या आयरन पाइराइटर को वायु में जलाकर SO₂ प्राप्त की जाती है

 S + O--------------------> SO₂

 

नाइटर पात्र :  इसमें NaNO3  तथा सान्द्र H₂SO₄ के मिश्रण को गर्म करके नाइट्रोजन के ऑक्साइड बनाते है |

NaNO3 + H₂SO₄ --------------------------> NaHSO4 + HNO₃

  4HNO₃ ----------------------------> 4NO2 + 2H₂O + O₂

 

 

ग्लोबल टावर :  इसमें गैसों के मिश्रण (SO₂, NO2, O₂, NO ) को नीचे से ऊपर की तरफ कक्ष में भेजते है तथा उपर से कक्ष में अम्ल तथा गेलुसाक टावर का नाइट्रीकृत अम्ल गिराते है जिससे निम्न कार्य होते है 

       गैसीय मिश्रण ठंठा हो जाता है

       अम्ल का सान्द्रण हो जाता है

       SO₂ , H₂SO₄ में परिवर्तित हो जाता है

SO₂ + H₂O + NO2 ------------------------> H₂SO₄ + NO  

       नाइट्रोसो सल्फ्यूरिक अम्ल को N तथा NO2  एवम् H₂SO₄ में परिवर्तित करना

  2NOHSO4 + H₂O-----------------------> 2H₂SO₄ + NO2 + NO


लेड कक्ष : ग्लोबल टावर से प्राप्त गैसों के मिश्रण को लेड कक्ष में ले जाकर जल से क्रिया कराने पर H₂SO₄ प्राप्त होता है |

गैलूसाक टावर : लेड कक्ष में शेष बची गैस (NO ,NO2) को गैलूसाक टावर में भेज कर H₂SO₄ से क्रिया कराने पर नाइट्रोसो सल्फ्यूरिक अम्ल प्राप्त होता है

 

 

H₂SO₄ सल्फ्यूरिक अम्ल के निर्माण की सम्पर्क कक्ष विधि :

इस विधि में शुद्ध व शुष्क SO2 व O2 को Pt. उत्प्रेरक की उपस्थिति में ऑक्सीकृत कर SO₃ बनाते है जिसे सान्द्र H₂SO₄ में प्रवाहित करने पर ओलिय्म प्राप्त होता है जो जल से क्रिया करके H₂SO₄ बनाता है |

 

2SO₂ + O₂ -------------pt------------->  2SO₃

SO₃ + H₂SO₄ ----------------------->  H2S2O7

H₂O + H2S2O7 ---------------------------> 2H₂SO₄



 

पाइराइड वर्नर : इसमें सल्फ़र या आयरन पाइराइड को जलाकर SO₂ बनाते है |
धूल कक्ष- वायु तथा SO₂ के मिश्रण को धूल कक्ष में में भाप से क्रिया कराते है जिससे भारी कण तली में बैठ जाते है |

शीतलक : इसमें गैस को ठंठा करते है

धावन टावर :  इस कक्ष में क्वार्टज के टुकड़े भरे रहते है तथा उपर से जल को फुव्वारे से गिराते है जिससे गैस जल में घुलकरशुष्क हो जाती है|

शुष्कन टावर : धावन टावर से प्राप्त SO₂ के  ऊपर H₂SO₄ को फव्वारे के रूप में गिराते है जिससे गैसीय मिश्रण की नमी दूर हो जाती है |

शोधक कक्ष : इस शुष्क गैसों से आर्सेनिक ऑक्साइड की अशुध्दियो को दूर करते है|

परिक्षण बॉक्स : एक तीव्र प्रकाश की किरण को परिक्षण बॉक्स में प्रवाहित करने पर धूल के कण चमकने लगते है और यदि ऐसा ना हो तो मिश्रण को संपर्क कक्ष में भेज देते है |
 
सम्पर्क कक्ष : इसमें लोहे की उर्ध्वाधर नालिया होती है जिसमे Pt उत्प्रेरक भरा होता है एवं 400°C ताप पर  SO₂ तथा O₂, SO₃ में परिवर्तित होती है |

अवशोषक स्तम्भ : इसमें कक्ष से प्राप्त SO₃ के ऊपर सान्द्र H₂SO₄ फुव्वारे के रूप गिराते है जिससे ओलिय्म बनता है इसे जल की आवश्यक मात्र में घोलकर H₂SO₄ प्राप्त की जाती है

SO₃ + H₂SO₄ ------------------------->  H2S2O7 

H₂O +  H2S2O7   -------------------------à  2H₂SO₄


 

H₂SO₄  सल्फ्यूरिक अम्ल  के भौतिक गुण :

       यह रंगहीन, तैलीय द्रव है

       यह त्वचा पर गिरने पर घाव उत्पन्न करता है

       यह जल में विलेय है

H₂SO₄ सल्फ्यूरिक अम्ल के रासायनिक गुण :

इसे उबालने पर SO₃ व जल प्राप्त होता है |

H₂SO₄ -------------------->  H₂O + SO

v  (H2SO4) सल्फ्यूरिक अम्ल की कार्बन से क्रिया करके CO2 में ऑक्सीकृत कर देता है

C + 2H₂SO₄  ------------------------>  CO2+ 2SO₂ + 2 H₂O

v  (H2SO4) सल्फ्यूरिक अम्ल की आयोडीन से क्रिया करके आयोडिक अम्ल में ऑक्सीकृत कर देता है 

I₂ + 5H₂SO₄                 2HIO3+ 4H₂O + 5 SO₂

v  (H2SO4) सल्फ्यूरिक अम्ल KI को आयोडीन में ऑक्सीकृत कर देती है

8KI + 5H₂SO₄ -----------------------> 4K2SO4+ 4I₂ + H₂S + 4H₂O

धातुओ से क्रिया :

2Na + H₂SO₄ ------------------------ > Na2SO4  + H₂

Zn + H₂SO₄ -------------------------> ZnSO4 + H₂

Cu + 2H₂SO₄ -------------Δ--------------> CuSO4+ 2 H₂O+ SO₂

2Ag + 2H₂SO₄ ------------------ > Ag2SO4+ 2 H₂O+ SO₂

 

H₂SO₄ सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्जलीकरण :

C2H5OH को सान्द्र H₂SO₄ के साथ 160°C पर गर्म करने पर इसके निर्जलीकरण से एथिलीन गैस प्राप्त होती है

C2H5OH --------160°C----H₂SO₄--------------> C2H4 + H₂O

H₂SO₄ का उपयोग :

      निर्जलीकारक के रूप में

      पेट्रोलियम के शोधन में

      ओक्सिकारक के रूप में

      सीसा संचायक सेलो में


Q. H₂SO₄ की उपस्थिति में चीनी काली पड़ जाती है क्यों?

H₂SO₄ चीनी में उपस्थित जल को अवशोषित कर लेता है जिससे चीनी काली पड़ जाती है |

C12H22O11------------------------------------à12C + 11H₂O

Q. H₂SO₄ का एक ओक्सिकारक तथा एक निर्जलीकारक उपयोग बताये ?

 

H₂SO₄ का ओक्सिकारक गुण:-  

यह कार्बन से क्रिया करके CO2 में ऑक्सीकृत कर देता है |

C + 2H₂SO₄  --------------------->  CO2+ 2SO₂ + 2 H₂O

 

H₂SO₄ का निर्जलीकारक गुण: 

यह एथिल एल्कोहल का निर्जलीकरण करके एथिलीन में परिवर्तित कर देता है |

C2H5OH   ------------------à  C2H4 + H₂O


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H2SO4 (सल्फ्यूरिक अम्ल) का निर्माण 1 Mb

और अच्छे से समझने के लिए विडियो देखे

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