जीवन की उत्पत्ति Origin of life
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति लगभग 3.5 अरब वर्ष पूर्व हुई थी। साइनो बेक्टीरिया पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाले प्रथम जीव माने जाते हैं। फ्रांसिस रेड्डी ने प्रयोग द्वारा स्वतः जनन के वाद का खण्डन किया व जीव जनन वाद का सिद्धान्त प्रतिपादित किया था। इस सिद्धान्त के अनुसार जीवों की उत्पत्ति जीवों द्वारा ही होती है। लुई पाश्चर ने फ्रांसिस रेड्डी के प्रयोग का समर्थन किया।
जीवन के उद्भव का रासायनिक सिद्धान्त (Chemical Theory of Origin of Life)
रूसी वैज्ञानिक ओपेरिन (Oparin) ने रसायन विकास का सिद्धान्त प्रस्तुत किया व इस सन्दर्भ में जीवन की उत्पत्ति ( Origin of Life) पुस्तक का लेखन किया। इनके अनुसार 5-6 अरब वर्ष पूर्व पृथ्वी आग के गोले के समान थी। इस समय H, O, C, N, इत्यादि तत्व परमाणु अवस्था में पृथ्वी पर उपस्थिति थे । ताप में कमी होने पर परमाणुओं के आपसी सहयोग से अणुओं का निर्माण हुआ। इस समय पृथ्वी पर हाइड्रोजन की मात्रा सर्वाधिक ( 90 प्रतिशत ) थी व इसकी कार्बन व नाइट्रोजन के साथ क्रिया से मीथेन व अमोनिया का निर्माण हुआ।
न्यूक्लिक अम्ल माइक्रोस्फीयर व कोएसरवेट्स अवस्था से होते हुए आदिम प्रोकैरियोटिक कोशिका में बदल गए । वैज्ञानिक मिलर ने प्रयोगशाला में न्यूक्लिक अम्ल का निर्माण कर इस सिद्धान्त का समर्थन किया।
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