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ग्रिफिथ का रूपांतरण प्रयोग | Griffith's experiment | Notes hindi pdf

D.N.A के आनुवांशिक पदार्थ होने के पक्ष में प्रमाण 

ग्रिफिथ का रूपांतरण प्रयोग 

1928 में ग्रफिथ ने Streptococcus pneumoniae जीवाणु पर प्रयोग किये | यह जीवाणु स्तनधारियो में निमोनिया रोग उत्पन्न करता है | इसमें दो विभेद होते है |

उग्रविभेद S- Strain : 

इस विभेद के जीवाणु चिकनी भित्ति वाले होते है | इनका बाहरी आवरण पॉली सेकेराइड का बना होता है यह निमोनिया रोग उत्पन्न करने में सक्षम होते है |

अनुग्रविभेद R-Strain :

 इस विभेद के जीवाणु खुरदरी भित्ति वाले होते है | इनका बाहरी आवरण पॉली सेकेराइड का नही होता है यह निमोनिया रोग उत्पन्न करने में सक्षम नही  होते है |


(a). S-strain + चूहा ---------> चूहा मर गया

ग्रिफिथ का रूपांतरण प्रयोग | Griffith's experiment


(b). R- strain + चूहा --------------------> चूहा नही मरा

ग्रिफिथ का रूपांतरण प्रयोग | Griffith's experiment



ग्रफित ने S-strain वैक्टेरिया को 60 डिग्री ताप गर्म किया और चूहे में प्रवेश किया |

(c). ताप द्वारा मृत S-strain + चूहा ----------> चूहा नही मरा

ग्रिफिथ का रूपांतरण प्रयोग | Griffith's experiment




(d). ताप द्वारा मृत S-strain+ R-strain + चूहा ------ चूहा मर गया |
ग्रिफिथ का रूपांतरण प्रयोग | Griffith's experiment



निकर्ष = R- starin वाला जीवाणु ताप द्वारा मृत s-जीवाणु के द्वारा स्थानांतरित हो गया ग्रफिथ यह नही जानता था कि कौन सा कारक R- जीवाणु को उग्र विभेद में परिवर्तित करता है |


Part-2 : 

और अच्छे से समझने के लिए पूरा विडियो देखे -:





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