अलैंगिग जनन Asexual Reproduction
इस प्रकार के जनन में एक जनक ही संतान उत्पन्न करता है | इस जनन से प्राप्त संतति को क्लोन कहा जाता है |
उदाहरण : केला, गुलाब , अंगूर
क्लोन :
वह जीव जो भौतिक व आनुवाशिंक रूप से अपने जनक के समान होते है | उन्हें क्लोन कहा जाता है |
अलैंगिग जनन की विशेषताए :
- इसमें एक जीव जनन द्वारा अपने संतति पैदा करता है |
- युग्मक नही बनते है |
- गुणन तीव्रता से होता है |
- निषेचन नही होता है |
- क्लोन का निर्माण होता है |
- उत्पन्न हुई संतान अपने जनको से समानता रखती है |
- अलैंगिग जनन सरल संघठन वाले जन्तुओ तथा पादपो में पाया जाता है |
- अलैंगिग जनन एक कोशिकीय जीवो में सामान्य है | जैसे – मोनेरा, प्रॉटिस्टा
- उच्च अकशेरुकीय प्राणी व अलैंगिग जनन में अलैंगिग जनन नही पाया जाता है |
- इसमें समसूत्री विभाजन होता है|
Types of Asexual Reproduction
1. विखंडन fission :
इसमें जनक कोशिकाए 2 या 2 से अधिक भागो में विभक्त हो जाती है |
यह दो प्रकार का होता है | A). द्वविखंडन B). बहुविखंडन (Multiple fission) :
A). द्वविखंडन
- इसमें जनक कोशिकाओ से 2 संतति जीवो की उत्पत्ति होती है |
- यह एक कोशिकीय जीवो में होता है |
- अनुकूल परिस्थति में इनके केन्द्रक दो भागो में बंट जाते है | जो आंगे चलकर दो जीवो का निर्माण कर लेते है |
- इसलिए इनमें कोई अवशेष नही बचता इस लिए यह जीव अमर होते है |
उदाहरण : अमीबा (अनुकूल परिश्थिति में ), युग्लीना , पैरामिशिय्म, प्लेनेरिया, बैक्टेरिया
B). बहुविखंडन (Multiple fission)
- इसमें 2 से अधिक संतति जीवो की उत्पत्ति होती है यह एक कोशिका के साथ साथ बहुत कोशकीय जीवो में भी होता है |
- इसमें सबसे पहले केन्द्रक का विभाजन होता है | तथा ये जीव आवरण का निर्माण कर लेते है इस आवरण के अंदर बहुत से केन्द्रक बन जाते है और आवरण फटने के बाद हरेक केन्द्रक नये जीव का निर्माण करते है इस क्रिया में जनक की म्रत्यु हो जाति है तथा इसमें अवशेष बच जाते है अतः यह जीव अमर नही है |
- इसमें केन्द्रक कई बार विभाजित होता है |
अनुकूल परिस्थति : Plasmodium (मलेरिया का परिजीवी) , Monocytes
प्रतिकूल परिस्थिति : अमीबा
2. मुकुलन Budding :
इसमें जीवो पर Bud निकल आते है यह बहुकोशिकीय जीवो में निम्न श्रेणी के जीवो में होता है | यह दो तरह का होता है –
a).बाह्यमुकलन ( External Budding / exogenous Budding )
b).अन्तःमुकलन (Internal Budding / Endogenous Budding/ Gemmule)
a).बाह्यमुकलन ( External Budding / exogenous Budding ) :
इसमें जनक के शरीर के बाहर कलिका (Bud) निकल आती है | जिसके द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है |
जैसे – Hydra, Yeast (कवक – इसमें विभाजन असमान होता है| )
इसमें जनक के शरीर के बाहर कलिका (Bud) निकल आती है | जिसके द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है |
जैसे – spongilla
Note : इसके अंदर की cells को अर्कियो साइट्स (पूर्ण रक्त कोशिका) कहते है |
3.पुनरुद्धभवन Regeneration
कुछ जीव जैसे Hydra, प्लेनेरिया किन्ही कारणों बस टूट जाते है तो टूटे हुए भाग में उपस्थित कोशिका द्रव्य और केन्द्रक से नये जीव की उत्पत्ति होती है | इस क्रिया पुनरुद्धभवन कहते है| इस क्रिया में शरीर के छोटे से भाग से सम्पूर्ण जीव का निर्माण होता है | लेकिन इसके लिए शरीर का 1/6 भाग होना आवश्यक होता है |
उदाहरण: अमीबा, हायड्रा, स्पंज,प्लेनेरिया, star fish
4.खंडन Fragmentation:
जल, ताप, भोजन के अनुकूल या प्रतिकूल परिस्थितिओ कुछ जीव अलग अलग खंडो में टूट जाते है और प्रत्येक खंड से नये जीवो की उत्पत्ति होती है |
ex. Porifera, Cnidaria, flatworrs समस्त शैवाल (स्पाइरोगाइरा), राइजोपस (फंगस)
अलैंगिग जनन के लाभ :
- सरल माध्यम
- तेजी से होता है
- 2 जनक की जरूरत नही होती |
अलैंगिग जनन की हानि :
- तीव्र गुणन होने के कारण जनसँख्या में वृध्दि होती है |
- भिन्नताए कम पाई जाती है |
- उदविकास में सहायक नही होता |
- नये वातावरण में यह अपने आप को आसानी से नही ढाल नही पाते |
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