अनिषेक जनन Parthenogenesis
वह जनन जिसमे केवल मादा युग्मक द्वारा बिना संलयन के जीव की उत्पत्ति होती है इसे अनिषेक जनन कहते है | इसे Virgin birth / virginial reproduction भी कहते है |
Ex. rotifera, आर्थोपोडा- Crustacea (Apus, Cypris,Insects, spiders)
अनिषेक जनन के प्रकार
a). प्राकृतिक
b) कृत्रिम
Natural अनिषेक जनन को Charles Bonut (चार्ल्स बोनट ) ने Aphids (एफिड्स छोटे आकार का कीट जो पौधों में रस चूसता है ) में खोज करके बताया था |
a). प्राकृतिक अनिषेक जनन
यह तीन प्रकार का होता है |
1.Complete/Obligatory अविकल्पी अनिषेक जनन:
इसमें जनन केवल अनिषेक जनन द्वारा होता है | जनन के अन्य विकल्प उपस्थ्ति नही होते |
ex. Rock Lizard (छिपकली) (Lacerta Saxicola, Armeniaca), typhlina brahmina (अँधा सांप)
2.Incomplete / Cyclic /चक्रीय अनिषेक जनन:
जनन अनिषेक जनन व लैंगिग जनन द्वारा होता है |
ex. मधुमक्खी, Mayfly, turkey (पेरू पक्षी)
3. Paedogenetic पीडोजेनेटिक अनिषेक जनन:
इस अनिषेक जनन में लार्वा द्वारा अन्य लार्वा की उत्पत्ति होती है |
b). कृत्रिम अनिषेक जनन
ग्रेगरी पिंकस Gregory Pincus खरगोश में कृत्रिम रूप से अनिषेक जनन प्रेरित करके दिखाया |
इसमें अनिषेक जनन को भोतिक रूप से तापमान द्वारा व रासायनिक रूप से सांद्रण द्वारा अनिषेक जनन को प्रेरित किया जाता है |
कृत्रिम अनिषेक जनन केवल कुछ ही जातिओ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है |
Ex. Annelids, Mollusca, echinoderms, (star fish), frogs, turkey
अनिषेक जनन के लाभ –
- सरल माध्यम
- तेजी से होता है
- 2 जनक की जरूरत नही होती |
अनिषेक जनन की हानि
- तीव्र गुणन होने के कारण जनसँख्या में वृध्दि होती है |
- भिन्नताए कम पाई जाती है |
- उदविकास में सहायक नही होता |
- नये वातावरण में यह अपने आप को आसानी से नही ढाल नही पाते |
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