Important Question for Board and other medical Exam .
Q. लिंग निर्धारण क्या है ?
Q. लिंग निर्धारण की क्रिया विधि समझाए |
Q. हमारे समाज में लडकिया पैदा होने पर दोष केवल महिलाओ को दिया जाता है बताये कि यह क्यों सही नही हैं |
लिंग निर्धारण
मनुष्य में 23 जोड़ी (46) तथा 2 प्रकार के गुणसूत्र पाए जाते है |
1 : दैहिक या कायिक गुणसूत्र Autosome
2 : लिंग गुणसूत्र (Sex chromosome)
नर व मादा में दैहिक गुणसूत्र समान होते है लेकिन लिंग गुणसूत्र दोनों दोने में अलग अलग होते है |
नर में – XY
मादा में – XX
लिंग निर्धारण की क्रिया विधि :
गुणसूत्र द्वारा लिंग निर्धारण
मनुष्यों तथा ड्रोसोफिला मक्खी में
अतः पुरुष के गुणसूत्र पर निर्भर करता है की लड़का पैदा होगा या लड़की , यदि पुरुष का X गुणसूत्र महिला के X गुणसूत्र से क्रिया करता है तो लड़की पैदा होती है तथा यदि पुरुष का Y गुणसूत्र महिला के X गुणसूत्र से क्रिया करता है तो लड़का पैदा होगा | इससे प्रकार निष्कर्ष निकलता है कि किसी भी दंपत्ति के संतान लड़का होगा या लड़की इसकी 50 -50 प्रतिशत सम्भानाये होती है |
XX, XO गुणसूत्र द्वारा लिंग निर्धारण:
यह लिंग निर्धारण टिड्डी , खटमल और कृमियो में होता है | नीचे चित्र में बताया गया है |
ZW - ZZ गुणसूत्र द्वारा लिंग निर्धारण :
Ex.- कीटो, मछलियों, सरिस्रप में
ZZ नर, ZW मादा
ZO - ZZ गुणसूत्र द्वारा लिंग निर्धारण :
Ex.- तितलियो में
नर ZZ, मादा ZO
द्वगुणित – अगुणित क्रियाविधि क्या है ?
Ex.- चीटियों, मधुमक्खी
रानी मधुमक्खी (द्वगुणित 2n), श्रमिक मधुमक्खी 2n-32 , नर या ड्रोन अगुणित n(16) इनमे अनिषेक जनन होता है |
अनिषेक जनन : बिना निषेचन के पैदा होने वाली संतान को अनिषेक जनन कहते है |
इसी अध्याय से सम्बंधित लिंक -
मेंडल के नीयम click here
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